दुखभरी शायरी हिंदी

     दुखभरी शायरी

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 बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरेइक शहर अब इनका भी होना चाहिए

 

आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते

पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ

  

 

रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की ,,
ये तेरी आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी !! 

 

तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ 

 

मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ…..
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है

 

तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा 

 

 

क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो.
कोई बात दिल पे लगी है या दिल कही लगा बैठे हो.

 

किसी को पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती 

लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता

 

 

सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे 
खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया 



वो छोड़ के गए हमें जाने उनकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं

ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी.

 

ना वो सपना देखो जो टूट जायेना वो हाथ थामो जो छुट जाये,

 

मत आने दो किसी को करीब इतना,  कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये|

 

 

बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में,  कभी बादलो से तो कभी आँखों से.

 

वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे,
मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है,
की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों  

 

 

ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं। 

 

टूटा हो दिल तो दुःख होता हैकरके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है। 

 

 

बस एक तुमको ही खो देना बाकि था, इससे बुरा इस साल और क्या होना बाकी था |

 

 

तुझे अपनाऊ तो मुझसे जमाना रूठ जाता है
और मोहब्बत पढ़ने लिखने में बहुत आसान है
पर उसे निभाने में पसीना छुट जाता है 

 

 

ज़ख्म पुराने हुए कोई तो नया ज़ख्म दे जाओ
चलो आओ फिर से फिर से वही इश्क़ ले आओ 

 

 

सुना है बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में, ज्यादा भीगना मत
अगर धूल गई सारी गलतफहमियां,  तो बहुत याद आयेंगे हम !!  

 

 

मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया  

 

 

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया  

 

 

उस ने पूछा था क्या हाल है, और मैं सोचता रह गया 

 

 

दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है, हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है  

 

 

ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं

तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत  24

 

 

मुझ से नफरत है अगर उस को तो इज़हार करे
कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाये

सब सितारे दिलासा देते हैं
चाँद रातों को चीख़ता है बोहत

 

 

मैं रोना चाहता हूँ खूब रोना चाहता हूँ मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं  

 

मौत के नाम सेसुकून मिलने लगा
जिंदगी ने कम नही सताया हमको  

 

 

तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह 

 

 

सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं

 

 

कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ;
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने । 

 

 

इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी हैतुम बिछड गए हम बिख़र गए,
तुम मिले नहीं और…, हम किसी और के हुए नही।

 

 

जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना,
बहुत तङपाते है अक्सर सीने से लगाने वाले,  

 

 

अजीब है महोब्बत का खेलजा मुझे नही खेलना,
रूठ कोई और जाता है टूट कोई और जाता है।

 

 

अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
बताऊं तो कायर, बताऊँ तो शायर 

 

 

बहाना क्यों बनाते हो नाराज होने का
कह क्यों नही देते के अब दिल मे जगह नही तुम्हारे लिए।

 

 

मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है,
जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे नींद से नफरत हो जायगी।

 

ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे,
ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती ,

 

 

सुना है वो मुझे भुल चुकी है,
और तो कुछ नहीं बस, उसकी हिंम्मत की दाद देता हूँ।

 

 

मेरी शायरी को लोग इतनी सिद्दत से पढते हैं,
जैसे इन सबने भी किसी अजनबी से मोहब्बत की हो।  


वो आज फिर से मिले अजनबी बनकर,
और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।  

 

हर तन्हा रात में एक नाम याद आता हैकभी सुबह कभी शाम याद आता है
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है। 


 

एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता। 

 

 

सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू,
मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तू अभी जानता नहीं। 

 

 

इक तेरे बगैर ही गुजरेगी ये ज़िंदगी मेरी,
बता मैं क्या करूँ सारे ज़माने की ख़ुशी लेकर।

 

जब भी वो उदास हो उसे मेरी कहानी सुना देना,
मेरे हालात पर हँसना उसकी पुरानी आदत है ,

 

 

वो ज़हर देता तो दुनिया की नजरों में जाता,
सो उसने यूँ किया कि वक़्त पे दवा दी। 

 

 

 

एक तुम ही मिल जाते बस इतना काफ़ी था,
सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।

 

 

वो रोज़ देखता है डूबते सूरज को इस तरह,
काश मैं भी किसी शाम का मंज़र होता  

 

 

कल क्या खूब इश्क़ से इन्तकाम लिया मैंने,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे जला दिया। 

 

 

 

प्यास दिल की बुझाने कभी आया भी नहींकैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,
बेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगीएक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं। 

 

 

बिखर जाते हैं….. सर से पाँव तक, वो लोग
जो किसी बेपरवाह से बे-पनाह इश्क करते है।   

 

 

तोड़ा कुछ इस अदा से ताल्लुक उसने ग़ालिब,
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रह गए।  

 

 

परवाह करने की आदत ने तो परेशां कर दिया,
गर बेपरवाह होते तो सुकून--ज़िंदगी में होते। 

 

 

शेरो-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है साहब,
लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते। 

 

 

मेरी हर शायरी मेरे दर्द को करेगी बंया गम
तुम्हारी आँख ना भर जाएँ, कहीं पढ़ते पढ़ते। 

 

मेरे सब्र की इन्तेहाँ क्या पूछते होफ़राज़
वो मेरे सामने रो रहा है किसी और के लिए  ,

 

 

लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गयाये ग़म भी था कोई डाकिया ज़िद्दी सा।

 

 

मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी 

 

वो तो शायरों ने लफ्जो से सजा रखा हैवरना मोहब्बत इतनी भी हसीँ नही होती।  

 


वो एक पल ही काफी हैजिसमे तुम शामिल हो,
उस पल से ज्यादा तो ज़िंदगी की ख्वाहिश ही नहीं मुझे।  

 

तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहींआँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगरतू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।  

 

इन्ही पत्थरों पे चल कर अगर सको तो आओ,
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है। 

 

 

ज़लज़ले यूं ही बेसबब नहीं आते,
कोई दीवाना तह--खाक तड़पता होगा।

 

 

वही वहशत, वही हैरत, वही तन्हाई है मोहसिन,
तेरी आँखें मेरे ख़्वाबों से कितनी मिलती-जुलती हैं।

 

अफसोस होता है जब
हमारी पसंद कोई और चुरा लेता है,
ख्वाब हम देखते हैं और
हकीक़त कोई और बना लेता है।

 

 

आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर,
एक शख्स मेरी ज़िन्दगी को रात कर गया।

 

 

लोग कहते हैं इश्क़ एक धोखा है,
हमने सुना ही नहीं आज़मा के देखा है,
पहले लूट लेते हैं प्यार में जान तक,
फिर कहते हैं कौन हो आप?
आपको कहीं देखा है!

 

 

कुछ अधूरी सी है हम दोनों की ज़िन्दगी,
तुम्हें मोहब्बत की तलाश है मुझे तुम्हारी।

 

चाहा था जिसको टूटकर आखिर चला गया,
इस दिल मोहब्बत का मुसाफिर चला गया,
बेरंग आज तक है ये तस्वीर प्यार की,
पूरा किये बगैर दिल से हमसफर चला गया।

 

 

आज बड़ी देर तक वो मोहब्बत दिखाता रहा मोहसिन,
जाने क्यों लगा कि वो मोहब्बत छोड़ जाएगा।

 

 

मैं तो बस ज़िंदगी से डरता हूं
मौत तो एक बार मारेगी

 

 



इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है, ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है।

वो करते है मोहब्बत की बात,
लेकिन मोहब्बत के दर्द का उन्हें एहसास नही,

 

इन आँखों में कभी हमारे आंसू आये होते,
अगर वो पीछे मुड़ कर मुस्कुराये होते

 

 

जिसने हमको चाहा उसे हम चाह सके,
और जिसको हमने चाहा उसको हम पा सके

 

 

ऐसा नही है मेरे दिल में तेरी तस्वीर नही है,
पर शायद मेरे हाथो में ही तेरे नाम की लकीर नही है।

 

 

ये कह मोहब्बत मिलना किस्मत की बात है,
क्योंकि मेरी बर्बादी में तेरा भी हाथ है।

 

 

खुदा कभी किसी पे फ़िदा करे,
अगर करे भी तो कभी कयामत तक जुदा करे।

 

कोई मर तो नही जाता इश्क--जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नही पाता है जिंदगी की तन्हाई में

 

 

मेरे दिल को तोड़ कर वो किसी और की बाहों में सो गया
कितनी आसान से वेबफाई का नाम मजबूरी हो गया।

 

 

दुआ करना दम भी उसी तरह निकले,
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले।

 

 

वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं,
काश वो मेरा कुछ होता पर मुक़द्दर होता।

 

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

 

 

चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।

 

 

अब सोच रहे हैं सीख ही लें हम भी बेरुखी करना,
मोहब्बत देते देते सबको हमने अपनी ही कदर खो दी

 

 

मेरी कोशिश कभी कामयाब ना हो सकी,
तुझे पाने की तुझे भुलाने की

 

अपनी ही मोहब्बत से मुकरना पड़ा मुझे,
जब देखा उसे रोता किसी और के लिए।

 

 

सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे,
जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा

 

 

तुम्हें चाहने की वजह कुछ भी नहीं,
बस इश्क की फितरत है बे-वजह होना।

 

पत्थर समझ कर पाँव से ठोकर लगा दी,
अफसोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे,
क्या क्या उमीदें बांध कर आया था सामने,
उसने तो आँख भर के भी देखा नहीं मुझे।

 

 

जिसको आज मुझमे हजारो गलतिया नजर आती हैं कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो

 

 

 



कमाल की मोहब्बत थी मुझसे उसको अचानक ही शुरू हुई और बिना बताये ही ख़त्म हो गई





मैं बैठूंगा जरूर महफ़िल में मगर पियूँगा नहीं क्योंकि मेरा गम मिटा दे इतनी शराब की औकात नहीं

मेरी गलती बस यही थी के मैंने हर किसी को खुद से ज़्यादा जरुरी समझा

 

 

मेरी गलती बस यही थी के मैंने हर किसी को खुद से ज़्यादा जरुरी समझा

 

 

अपनी तन्हाई में तनहा ही अच्छा हूँ मुझे ज़रूरत नहीं दो पल के सहारो की

 

जिंदगी से सिकवा नहीं की उसने गम का आदी बना दिया गिला तो उनसे है जिन्होंने रौशनी की उम्मीद दिखा के दीया ही बुझा दिया

 

 



सच्ची मोहब्बत में प्यार मिले न मिले लेकिन याद करने के लिए एक चेहरा जरूर मिल जाता है

जरूरी नहीं जो ख़ुशी दे उसी से मोहब्बत हो प्यार तो अक्सर दिल तोड़ने वाले से भी हो जाता है

 

हर दर्द से बड़ा होता है ये जुदाई का दर्द क्योंकि इसमें एक लम्हा जीने के लिए सौ बार मरना पड़ता है

 

 

इतना भी दर्द दे जिंदगी इश्क़ ही किया था कोई क़त्ल तो नहीं

 

 

नफरत कभी करना तुम हमसे यह हम सह नहीं पाएंगे एक बार कह देना हमसे जरूरत नहीं अब तुम्हारी, तुम्हारी दुनिया से हंसकर चले जायेंगे

 

 



किसी से प्यार करो तो इतना करो की जब भी उसे तकलीफ आये तो सबसे पहले तुम्हारी याद आये



हम दोनों ही धोखा खा गए हमने तुम्हे औरो से अलग समझा और तुमने हमे औरो जैसा ही समझा



मैंने तुझे उस वक़्त चाहा जब तेरा कोई नहीं था और तूने मुझे उस वक़्त छोड़ा जब तेरे सिवा मेरा कोई न था

अगर तुम्हे पा लेते तो किस्सा इसी जन्म ख़त्म हो जाता तुम्हे खोया है यक़ीनन कहानी लम्बी चलेगी

 

 



ऐ खुदा कुछ और नहीं पल भर के लिए हवा ही बना दे कसम से सिर्फ उन्हें छू कर ही लौट आएंगे



सारे दर्द मेरे तै ऐ दे दिए भोले इतना भरोशा मेरे पै



जनाजा मेरा उठ रहा था यारो फिर भी तकलीफ थी उनको आने में वो बेवफा आये भी तो पूछ रहे थे और कितनी देर लगेगी इसे दफ़नाने में

कभी कभी किसी अपने की इतनी याद आती है की रोने के लिए रात भी कम पड़ जाती है 

 

 

अक्सर वो लोग टूट कर बिखर जाते हैं जो किसी को अपनी जिंदगी से भी ज्यादा प्यार करते हैं

 

 

आज शायरी नहीं बस इतना सुन लो मैं तनहा हूँ और वजह तुम हो

 



दुनिया की इस भीड़ में खुद को अकेला समझता हूँ गुजरता हूँ करीब से तेरे और तुझे ही देखने को तरसता हूँ



बस दिल उदास है वैसे तो ठीक हूँ मैं



तकलीफ
किसे नहीं होती बिछड़ जाने से बस कुछ लोग जताना जरूरी नहीं समझते

 

कितने दिन गुजर गए उसने याद तक किया मुझे नहीं पता था की इश्क़ में भी छुट्टिया होती हैं

 

कभी कभी मेरा दिल थक जाता है तुम्हारा इन्तजार करते करते

 



खुश रहना तो हमने भी सिख लिया था उनके बगैर मुद्दत बाद उन्होंने हाल पूछके बेहाल कर दिया



जरूरी नहीं हर टुटा हुआ इंसान आपको रोता हुआ मिले कुछ अपनी मुस्कान के पीछे लाखो दर्द छुपाये रखते हैं



क्या रोग दे गई है ये नए मौसम की बारिश मुझे याद आ रहे हैं मुझे भूल जाने वाले



हजारो टुकड़े किये उसने मेरे दिल के फिर खुद ही रो पड़ी हर टुकड़े पर अपना नाम देखकर



कितनी अजीब हो गई है जिंदगी खुश दिखना ज्यादा जरूरी है खुश होने से



बहुत देर कर दी तुमने मेरी धड़कन महसूस करने में वो दिल नीलाम हो गया जिस पर कभी हुकूमत तुम्हारी थी





चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगी नहीं




दर्द तो तब होता है जब हमे किसी से प्यार हो और उसके दिल में कोई और हो



बदलते हुए लोगो के बारे में आखिर क्या कहु मैं मैंने तो अपना ही प्यार किसी और का होते देखा है





मैं कैसे मान लू की वो किसी और को चाहती है



इरादा क़त्ल का था तो मेरा सर कलम कर देते क्यों इश्क़ में डाल कर तूने मेरी हर सांस पर मौत लिख दी



हो इजाजत तो एक बात पुछु जो हमसे इश्क़ सीखा था वो अब किस से करते हो



जिंदगी
कुछ दिनों की है और मैं कुछ दिनों से परेशान हूँ

 

 

अजीब सी बेताबी है तेरे बिन रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता

 

मैंने दोस्ती मांगी थी वो इश्क़ देके बर्बाद कर गया

 



तुम्हारी दुनिया में हम जैसे हजारो होंगे मगर मेरी तो दुनिया ही तुम हो

मेरे सीने में एक दिल है उस दिल की धड़कन हो तुम

 

तुमसे लड़ने के बाद तुम्हारी याद और भी ज्यादा आती है

 



ख्याल रखा करो अपना क्युकी मेरे पास तुम्हारे जैसा कोई और नहीं है



सुनो तुम हमे जान से भी प्यारे हो कल भी हम तुम्हारे थे और आज भी तुम हमारे हो



मेरे घाव पे कुछ ऐसे नमक लगाती है वो इश्क़ की बातें करके दोस्त बुलाती है वो



एक दिन मेरी आँखों ने भी थक कर मुझसे कह दिया ख्वाब वो देखा करो जो पुरे हो रोज रोज हमसे भी रोया नहीं जाता



अकेलेपन का मजा अलग है मैंने खुद को पा लिया तेरी राह देखते देखते



वो लफ्ज़ बने ही नहीं जो बयां करें की मुझे कितनी मोहब्बत है तुमसे



बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का अधूरी हो सकती है पर ख़त्म नहीं

पता नहीं कितना नाराज है वो मुझसे ख्वाब में भी मिलता है तो बात ही नहीं करता

 

रब करे एक तू ही मेरा नसीब बने

 

कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गई

 

चुप हूँ क्यूकि ये मेरी शराफत है वरना कुछ कुत्तो के लिए मेरा गुस्सा ही आफत है



मेरा ऐटिटूड मेरी निशानी है आओ हवेली पे अगर कोई परेशानी है

 

मामला सारा इश्क़ का है साहिब वरना किसी की इतनी औकात नहीं हमे बर्बाद कर सके

 

 

तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी

 

जब जब मुझे लगा मै तेरे लिए ख़ास हूँ
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया मैं झूठी आस में हूँ

 

जिसे चाहो उससे कुछ मत चाहो

 

वक़्त कितना भी बदल जाये मेरी मोहब्बत नहीं बदलेगी

 

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई दुःख नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है

 

आजकल रातों में नींद कम और तेरी याद ज्यादा आती है

 

मिले तो हजारो लोग थे जिंदगी में
पर वो सबसे अलग थी जो किस्मत में नहीं थी

 

 

कभी भी जरूरत पड़े तो याद करना हमे
किसी और के दिल में होंगे तो भी चले आएंगे

 



सीने से लगाकर सुन वो धड़कन जो हर पल तुझे मिलने की जिद्द करती है



पूछा किसी ने की याद आती है उसकी मैं मुस्कुराया और बोला तभी तो जिन्दा हूँ



बर्बाद करना था तो किसी और तरीके से करते जिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली तुमने

लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफा है  – गुलजार

 

 



लोग कहते हैं की खुश रहो लेकिन मजाल है की रहने दें

तजुर्बे ने एक बात सिखाई है नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है

 



कैसे छोड़ दू तुझसे मोहब्बत करना तू किस्मत में ना सही पर दिल में तो है




 

तुमसे लड़ने के बाद तुम्हारी याद और भी ज्यादा आती है

 

 



काश वो पल वही थम जाए जब वो मुझे सीने से लगाए

चाहे वो तकलीफ कितनी भी दे फिर भी सकून उसी के पास मिलता है

 



जागना भी कबूल है तेरी यादो में रात भर तेरे एहसासो में जो सकून है वो नींद में कहां

जब दर्द हद से गुजर जाता है तब इंसान
रोता नहीं बस खामोश हो जाता है

 

गर यकीन ना हो तो बिछड़ कर देख लो
तुम मिलोगे सबसे मगर हमारी ही तलाश में

 

जब मिला सिकवा अपनों से हो तो ख़ामोशी ही भली
अब हर बात पे जंग हो यह जरूरी तो नहीं

दर्द की भी अपनी एक अदा है
वो भी सहने वालो पर फ़िदा है

 



कभी कभी किसी को देख लेना ही सुकून पाने के लिए बहुत होता है


जिनका मिलना किस्मत में ना हो उनसे मोहब्बत कमाल की होती है



तरस गई हैं आँखें उनके दीदार रुखसार को 
और वो हैं की ख्वाबो में भी घूँघट में आते हैं

 

मत पूछो यारो ये इश्क़ कैसा होता है 
बस जो रुलाता है ना उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है 

 

सोचा ही नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फ़साने होंगे 
रोना भी जरूरी होगा और आंसू भी छिपाने होंगे 

 

वो मिले भी तो खुदा के दरबार में ग़ालिब, अब तू ही बता मुहब्बत करते या इबादत

 

जख़्म इतने थे दिल पे की,  
हकीम ने इलाज़ में मौत ही लिख दिया
 

हमारी बारी आई तो रिवाज ही बदल गया
सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले 

 



तू अधूरी मोहब्बत तो कर वादा मैं पूरा इश्क़ दूंगी

वो बुरे वक़्त की तरह बहुत कुछ सीखा कर चली गयी  ….

 

एक परवाह ही बताती है कि ख्याल  कितना है ,  
वरना कोई तराज़ू नहीं होता रिश्तों में 

 

 

बे वजह नहीं रोता इश्क़ में कोई ग़ालिब,  
जिसे खुद से बढ़कर चाहो वो रुलाता जरूर है  .

 

 

अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी ,   
हम जिसके भी करीब रहे ,
दूर ही रहे 

 

हमेशा के लिए रखलो ना मुझे पास अपने,  
कोई पूछे तो बता देना कि किरायेदार है दिल का  .

 

उसने जी भर के मुझे चाहा,  
फिर हुआ यूँ की उसका जी भर गया .

 

माना मौसम भी बदलते है मगर धीरेधीरे ….
तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान है 

 

 

हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए  …
हम समंदर से भी गहरे हो गए

 

कितना मुश्किल है उस शख़्स को मानना ,  
जो रूठा भी हो और बात भी करे

 

बस ताल्लुकात ही ना रहे तुझसे ,
मोहब्बत तो तुझसे आज भी करते है ,

 

कुछ लोग जाहिर नहीं करते है,
लेकिन परवाह बहुत करते है ,

 

तुम याद नहीं आते ,
तुम याद रहते हो ,

 

यादें रह जाते है याद करने के लिए ,
और वक़्त सब लेकर गुजर जाता है ,

 

लोगों के चेहरे मत जाना ,
चेहरे से बड़ा कोई नकाब नहीं होता है 

 

कुछ रिश्ते बहुत रूहानी होते है ,
अपनेपन का शोर नहीं मचाया करते है ,

 

उनके जाने की गुजारिश, हमारी रोकने की जिद्द ,
इस बिच की वो ख़ामोशी इश्क़ है ,

 

 

याद बनकर जो तू मेरे साथ रहती है ,
तेरे इस एहसान का सौ बार शुक्रिया ,

 

 

रात को कह दो कि ज़रा धीरे से गुजरे ,
काफी मिन्नतों के बाद आज दर्द सो रहा है ,

 

किसी ने क्या खूब कहा है ,
अकड़ तो सब में होती है,
झुकता वही है जिसे रिश्तों की फ़िक्र होती है ,

 

चलो मान लिया तुम्हारी आदत है तड़पना ,
लेकिन सोचो कोई मर गया तो ,

 



मत खोल मेरी किस्मत की किताब को
हर उस शख्श ने दिल को दुखाया है जिस पर मुझे नाज़ था


कौन बनता है यहाँ किसी का ,
आप अपनी ही मिशाल ले लो

 

में पागल ही भला ,
मुझे ना समझाये कोई ,

 

 

जिन रिश्तों को आपकी मौजूदगी से परहेज़ होने लगे तो ,
वह से मुस्करा कर चले जाना  ही बेहतर होता है ,

 

 

किस मुँह से सुलह करू ,
झगड़ा भी तो  नहीं हुआ है

 

 

ख़ामोशी से भी नेक काम होते है ,
मैंने देखा है पेड़ को छाँव देते हुए ,

 

 

बहुत ख़ास हो तुम ,
जिक्र हर बार जरूरी तो नहीं ,

 

बदलना कौन चाहता है ज़नाब ,
लोग यहाँ मजबूर कर देते है बदलने के लिए ,

 

 

मैंने अपनी ज़िंदगी में सारे महंगे सबक सस्ते लोगों से ही सीखे है 

 

 

तुम सोच भी नहीं सकते ,
हम कितना सोचते है तुम्हे ,

 

भूलना सीखिए जनाब ,
एक दिन दुनिया भी वही करने वाली है ,

 

 

खुद ही पागल करती हो ,
फिर कहती हो पागल हो ,

 

 

देर से गूंजते सन्नाटे ,
जैसे हमको पुकारता है कोई ,

 

दिल बड़ा होना चाहिए ,
बातें तो सब बड़ी बड़ी करते है ,

 

एक ख्याल है ,
ख्याल ही है शायद ,

 

 

लिखते है सदा उन्ही के लिए ,
जिन्होंने हमें पढ़ा ही नहीं ,

 

 

बहुत से रिश्ते इसलिए ख़त्म हो जाते है ,
क्योंकि
एक सही बोल नहीं पाता ,
दूसरा सही समझ नहीं पाता ,

 

दुनिया में अगर कुछ छोड़ने जैसा है तो दूसरो से उम्मीद छोड़ दो

 

 

समय कई जख़्मदेताहैइसलिएघडीमेंफूलनहींकाटेहोतेहै,

 

चुप थे तो चल रही थी जिंदगी लाजवाब ,
खामोशियाँ बोलने लगी तो बवाल हो गया ,

 

 

मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया एक दिन ,
बोला बंदा तू ठीक है मैं ही खराब चल रहा था ,

 

खफा सब है मेरे लहजे से ,
पर मेरे हाल से कोई वाकिफ नहीं ,

 

पूछा किसी ने की याद आती है उसकी ,
मैं मुस्करया और बोला तभी तो जिन्दा हूँ

 

साईकिल और ज़िन्दगी तभी बेहतर चल सकती है ,
जब चैन हो ,

 

सबको मै ही समझू ,
 
कोई हमे भी तो समझो ,

 

नामुमकिन ही सही मगर मोहब्बत तुझ से ही है 

 

 

गुस्से में आदमी बेकार की बातें तो करता है ,
पर कई बार दिल की बात भी कह जाता है 

 

 

एक बात बोलू 
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
जिसका दिल का हाल बताने के लिए लफ़्ज़ों की ज़रूरत ना पड़े “

 

यू चेहरे पर उदासी ना ओढ़िये साहब ,
वक़्त जरूर तकलीफ का है ,
लेकिन कटेगा मुस्कराने से ही ,

 

कुछ कह गए , कुछ सह गए 
कुछ कहते कहते रह गए ,
मैं सही तू गलत के खेल में ना जाने कितने रिश्ते ख़त्म हो गए 

 

 

बदलते इंसानो की बात हमसे पूछो ,
हमने अपने हमदर्द को हमारा दर्द बनते देखा है 

 

 

है रूह को समझाना भी जरूरी ,
महज हाथों को थामना साथ नहीं देता 

 

 

मुझसे जिस चिराग से प्यार था ,
मेरा सब कुछ उसी ने जला दिया 

 

 

साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है ,
फिर शिकायत सिर्फ मोहब्बत से क्यों 

 

वो रोइ जरूर होगी खाली कागज़ देख कर ,
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने 

 

 

कदर वो होती जो किसी की मौजूदगी में हो ,
जो किसी के जाने के बाद हो उसे पछतावा कहते है ,

 

एक तू और एक वक़्त ,
अफ़सोस दोनों ही बदल गए ,

 

 

बदलते लोग,
बदलते रिश्ते
और बदलता मौसम ,
चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है 

 

 

खुदा सलामत रखे उनकी आँखो की रौशनी ,
जिनकी नज़रों को हम चुभते बहुत है 

 

 

सही गलत कुछ नहीं
तेरे लिए तू सही 
मेरे लिए मैं सही 

 

तन्हाई बेहतर है मतलबी लोगों से 

 

 

बार बार माफ़ तो किया जा सकता है 
मगर भरोसा नहीं 

 

रिश्ते मौके के नहीं , भरोसे के मोहताज़ होते है ….

 

कुछ लोग भरोसे के लिए रोते है ,
और 
कुछ लोग भरोसा करके रोते है 

 

बेवफा तुम नहीं
बदनसीब हम निकले .

 

कर गया तनहाजैसेकभीमिलाहीहो 

 

दर्द दो तरह के होते है ,
एक वो जो आपको तकलीफ देता है 
दूसरा वो जो आपको बदल देता है 

 

 

मतलब ख़तम होने पर  …हर इंसान को रंग बदलते देखा है मैंने….

 

 

मुझको दंड लेती है रोज़ 
एक नए बहाने से तेरी याद ,
वाकिफ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से ,

 

किसी को खो कर भी उसे हो चाहते रहना ,
इसे सच्चा प्यार कहते है ,

 

रिश्ता बचाने के लिए झुकना पड़े तो झुक जाओ,
लेकिन हर बार तुम्हे ही झुकना पड़े तो रुक जाओ

 

किसी का दिल दुखाने के बाद बेहतर होगा की ,
तुम भी अपनी बारी का इंतज़ार करो ,

 

 

काश अपना दिल बस में होता ,
ना किसी की याद आती ये दिल रोता ,

 

 

मोहब्बत नहीं थी तो बता दिया होता
तेरे इस Time Pass ने मेरी जिंदगी बर्बाद  करके रख दी ,

 

 

मेरा दर्द सिर्फ मेरा था ,
ये जान कर मुझे और भी दर्द हुआ ,

 

 

तुम दिल तोड़ो और मैं माफ़ कर दु,
ये हर बार मुझसे नहीं होता ,

 

 

कदर करना सीखो ,
कोई बार बार नहीं आता ज़िंदगी में ,

 

 

उसने पूछा भी लेकिन मैंने कहा कुछ नहीं ,
दिल से उतरे हुवे लोगों से शिकायत कैसी ,

 

जिंदगी बार बार रुलाया कर ,
हर किसी के पास चुप करने वाला नहीं होता ,

 

 

काश तुझे मेरी ज़रूरत हो मेरी तरह ,
और मैं तुझे नज़र अंदाज़ कर दू तेरी तरह ,

 

तेरी नफरत बता रही है ,
मेरी मोहब्बत गजब की थी  . . .

 

अब गिला क्या करना ,
उनकी बेरुख़ी का यारों ,
दिल ही तो है भर गया होगा  . . . 

 

अब तो हर वो शख्स झूठा लगने लगा है ,
जो कहता है तुम्हारा साथ कभी नहीं छोडूंगा  . . . .

 

 

एक दिमाग वाला दिल मुझे भी दे दे 
ख़ुदा 
ये दिल वाला दिल सिर्फ तकलीफ देता है। 

 

रब मुझे नहीं पता लोग मेरे बारे में क्या कहते है ,
मेरा रब को पता है मैंने कभी किसी का बुरा नहीं सोचा।

 

खामोशियाँ ही बेहतर है ,
लफ़्ज़ों से लोग रुठते बहुत है 

 

पता नहीं बेचैनी है या तेरी यादें ,
जो भी है मुझे सोने नहीं देती। 

 

 

रब से मेरी ये दुआ है ,
मैं रहू या ना रहू , बस तू हमेशा खुश रहे ,
मेरे साथ भी , मेरे बाद भी।

 

तेरी नाराज़गी वाज़िब है दोस्त ,
मैं भी  खुद से ज्यादा खुश नहीं आजकल ,

 

 

हम तेरी गली के फ़कीर भी बने ,
तेरे एक दीदार ख़ातिर .

 

 

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं
अल्फ़ाज़ मेरे  . . .
मतलब मोहब्बत में बरबाद ,
और भी हुए हैं  . . . 

 

 

जीने के लिए मुझे एक सपना दे दो ,
हक्कीकत मेरी जान लिए जा रही है। .

 

 

हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन पाओगे,
नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग जाओगे 

 

 

एक ही शख़्स से मतलब था,
पर अफ़सोस वो भी मतलबी निकला।

 

जिस सितम के चलते मैं, मैं बना ,
उस सितम के लिए, जान तेरा शुक्रिया

 

एक रात वो गया था जहां बात रोक के ,
अब तक रुका हू, वहीं रात रोक के ,

 

जिस रफ़्तार से तू निकल रही है जिंदगी ,
एक चालान तो तेरा भी बनता है  . .

 

 

जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते ,
खत किस लिए रखे हो जला क्यों नहीं देते  . ..

 

शर्त मोहब्बत ये नहीं ,
हर वक़्त तेरा जिक्र हो,
खामोश धड़कनो में भी ,
तुम ही हो।  . . .

 

 

ये साली यादों में EGO क्यों नहीं होती।  . . . …

 

मैं कितने भी रंगों में रंग जाऊ 
एक तेरा रंग ना लगे तो जिंदगी बेरंग सी लगती है। . . . .

 

 

सुनना चाहते हैं एक बार आवाज़ आपकी,
मगर बात करने का बहाना नहीं आता

 

गज़ब का प्यार था उसकी उदास आँखों में,
महसूस तक ना होने दिया कि वो छोड़ने वाला है.

 

कुछ और नहीं बस जीने का हुनर दे दे
तेरे बगैर अब हमसे जिया नहीं जाएगा

 

 

अब तो आदत बन चुकी है ,
तुम दर्द दो और हम मुस्करायेंगे  

 

 

जी भर के ज़ुल्म कर लो
क्या पता मेरे जैसा फिर कोई बेजुबान मिले या मिले .

 


 

किसी को इतना चाहो कि  भुला सको ,
यहाँ मिज़ाज़ बदलते है मौसम की तरह .

 

 

बहुत शौक था हमे भी दिल लगाने का
शौक शौक में जिंदगी बरबाद कर बैठे.  

 

टूट जायेगी तुम्हारी जिद्द की आदत उस दिन ,
जब पता चलेगा की याद करने वाला 
अब याद बन गया है.

 

तड़प के देख किसी की चाहत में ,
तो पता चले के इंतज़ार क्या होता है ,
यु मिल जाए अगर कोई बिना तड़प के ,
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है.

 

उसकी बाँहों में सोने का अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी मेरी आदत नहीं बदली .

 

 

रोज़ ख्वाबों  में जीते हैं वो जिंदगी ,
जो तेरे साथ हक़ीक़त में सोची थी कभी .

 

तू ये मत सोचना तुझसे जुड़ा हो के हम सुकून से सोते है
तुझे क्या पता तेरी तस्वीर को रखके हम कितना रोते हैं  .

 

 

रोज़ रोते हैं तेरी याद में कुछ तो बोलो ,
मेरे अश्कों को ही थोड़ा सा सहारा दे दो .

 

 

अपनी ही मोहब्बत से मुकरना पड़ा मुझे ,
जब देखा उसे रोता किसी और के लिए … 

कोई ख़्वाब भी देखें तो किस तरह देखे ,
याद फिर गया है बिखरना दिल का .

 

 

मेरी वफ़ा की कदर ना की ,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई ,
मुझे छोड़ दिया था उसे तो अपना लिया होता 

 

 

बहुत अजीब सिलसिले है *मोहब्बत
***इश्क़ में***
कोई वफ़ा के लिए रोया तो 
कोई वफ़ा करके रोया 

 

हर पल साथ रहना नहीं
बल्कि
हर पल एक दूसरे को महसूस करना ही True Love है 

 

लगता है मैं भूल चुका हूँ मुस्कुराने  का हुनर
कोशिश जब भी करता हूँ आँसू  निकल आते हैं..!

 

 

नादानी की हद है जरा देखो तो उन्हें,
मुझे खो कर वो मेरे जैसा ढूढ़ रहे हैं  

 

 

तुम ना लगा पाओगे अंदाजा मेरी तबाही का,
तुमने देखा ही कहाँ है मुझको शाम के बाद

 

 

वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे
मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है, 
की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों ???

 

 

जिंदगी यूं ही बहुत कम है मोहब्बत के लिए
रूठ कर वक़्त गवाने की ज़रुरत क्या है !

 

कहा से तलाश करोगी मेरे जैसा सख्श
जो तुम्हारे सितम भी सहे और तुमसे मोहब्बत भी करे

 

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,  
अकेले थे हम अकेले ही रह जाते हैं

 

 

इस दिल का दर्द दिखाए किसे
मलहम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं.

 

 

जीने की तमन्ना तो बहुत है
पर कोई आता ही नहीं ज़िन्दगी में ज़िन्दगी बन कर

 

 

मुझ से नाराज है तो छोड़ दे तनहा मुझको
ज़िन्दगी , मुझे रोज़ रोज़ तमाशा बनाया कर

 

 

ये तो कह की किस्मत की बात है
मेरी बर्बादियों में तेरा भी हाथ है, 
अब क्यों तकलीफ होती है तुम्हे इस बेरुखी से, 
तुम्ही ने तो सिखाया है की दिल कैसे जलाते हैं !

 

 

कहाँ से लाऊ हुनर उसे मनाने का​​
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का​​
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी​​
क्यूंकी जुर्म मैंने किया था उससे दिल लगाने का​  !!!!

 



बस आखरी सांस बाकी है
तुम आती हो या मैं ले लू …

तू याद कर या भूल जा
तू याद है ये याद रख

 

वो रोइ जरूर होगी खाली कागज़ देख कर
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने

 

समेट कर ले जाओ
अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर
इनकी ज़रूरत पड़ेगी
 
 
बहुत अंदर तक तबाही मचा देता है
वो अश्क जो आँख से बह नहीं पाता

 

शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं
वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते

 

कुछ इस तरह बर्बाद हुए उनकी मोहब्बत में,
लुटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं।

 

तुम भी कर के देख लो मोहब्बत किसी से,
जान जाओगे कि हम मुस्कुराना क्यों भूल गए !!!

 

तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,
प्यार का तालुक भी अजीब होता है,
आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..
 
 
इस बहते दर्द को मत रोको
ये तो सजा है किसी के इंतजार की
लोग इन्हे आंसू कहे या दीवानगी
पर ये तो निशानी है किसी के प्यार की
 
 
मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया
 
 
तड़प के देख किसी की चाहत मैं
तो पता चले के इंतज़ार क्या होता है
यूँ ही मिल जाए अगर कोई बिना तड़पे.
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है
 
 
नाराज़ हमेशा खुशियाँ ही होती हैं
ग़मों के इतने नखरे नहीं होते.!!
 
 
जखम देकर पूछा करो दर्द की सिद्दत
दर्द तो दर्द होता है थोड़ा क्या ज्यादा क्या
 
 
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊंगा
यूं करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो

 


बरबाद करना था तो  किसी और तरीके से करते
जिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली तुमने 
 
कमाल की मोहब्बत थी उसको
अचानक ही सुरु हुई और बिन बताये ख़त्म भी हो गई
 
 
जिसके साथ तुम हस्ते हो उसे भूल सकते हो
लेकिन जिसके साथ रोये हो उसे नहीं भूल सकते
 
 
जब ख्याल आया तो ख्याल भी उनका आया
जब आँखें बंद की तो ख्वाब भी उनका आया
सोचा याद कर लू किसी और को मगर जब
होंठ खुले तो नाम भी उनका आया
 
 
काश कोई सीने से लगा के कहता
जान तुम पे यह दर्द नहीं जचता
 
 
वो खामोश होता था तो हम तड़प जाते थे,
आज हम खामोश हुए तो उस ने हाल तक ना पूछा
 
 
लिखना था की खुश है तेरे बगैर भी यहाँ हम
मगर कम्बखत आंसू हैं की कलम से पहले ही चल दिए
 
 
 
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है
दे कर आपकी आँखों में आंसू
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है
 
 
उन जख्मो को भरने में वक़्त लगता है
जिनमे शामिल हो अपनों की मेहरबानियां
 
 
रुला कर उसने कहा अब मुस्कुराओ और हम भी मुस्कुरा दिए
क्यूंकि सवाल हंसी का नहीं उसकी ख़ुशी का था
 
 
हम अपनी रूह तेरे जिस्म में ही छोड़ आये
तुझे गले से लगाना तो एक बहाना था .
 
 

तन्हा रहना तो सीख लिया, पर खुश ना कभी रह पायेंगे, तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा, पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे…



कुछ था मेरे पास खोने को
तू मिला तो डर गई हूँ मैं
 
 
सोचती थी मैं रह नहीं पाऊँगी तेरे बगैर
देखो तुमने ये भी सीखा दिया मुझको

 

मत पूछो ये इश्क़ कैसा होता है
बस जो रुलाता है उसी को गले लगा कर
रोने को जी चाहता है

 

मोहब्बत कितनी भी सच्ची होबिना दर्द के नही की जा सकती.


बिना आवाज किए रोना… रोने से ज्यादा दर्द देता है,

 

सिमट गया मेरा प्यार चन्द लफ़्हज़ों में,
उसने कहा प्यार तो है पर तुमसे नहीं
किसी और से

 

उसकी बाहों में सोने का अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी मेरी आदत नहीं बदली।

 

उनके गम में मेरी आँखें नम हो जाती हैं
लेकिन फिर भी होटों पे हंसी लानी पड़ती है
मोहब्बत तो हमने बस एक से की थी
लेकिन ये मोहब्बत जमाने से छुपानी पड़ती है
 
 
जब तुम साथ थे तो सबकुछ साथ था मेरेबाद तेरे तो हम खुद के भी ना हो पाए।

 

मेरी तरह सितारों से कहा उसने भी कुछ होगा अकेला मैं नहीं रोता
सहा उसने भी कुछ होगा।

 

एक तेरे रहने से बदल जाता है सब कुछ
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी

 

जिंदगी  में  प्यार क्या होता  है  वो  उस शक्श  से  पूछो
जिसने दिल टूटने  के बाद भी प्यार किया हो
 
 
जिस जगह जाकर कोई वापस नहीं आता
जाने क्यों आज वहां जाने को जी चाहता है

 
ये ज़िंदगी हमे भी बहुत प्यारी है
लेकिन फिर क्यों ऐसा लगता है,
के तेरे विन ये हमारी नही है।
 
 
उसकी  मोहब्बत  का  सिलसिला  भी  क्या  अजीब  था,

अपना  भी    बनाया  और  किसी  और  का  होने  भी    दिया,

 

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